Wednesday, August 3, 2016

विश्व

विश्व
चिमुकल्या नाजूक नाजूक पावलांनी
आनंदाने हे घर गेले माझे भरून...!
हसणे रडणे सुखद  बाल लीलानी
विश्व माझे गेले असे  सर्व व्यापून...!
                ....... प्रल्हाद दुधाळ.

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